स्वर्ग कैसा होगा? भविष्य में स्वर्ग की महिमा प्रोग्राम 2

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स्वर्ग कैसा होगा? भविष्य में स्वर्ग की महिमा प्रोग्राम 2

 

आज जॉन एन्करबर्ग शो में, स्वर्ग के बारे में रोमांचित बात क्या है? यदि आपने कभी डिज़नी लैन्ड की ट्रीप की योजना नही बनाई है/ आईसबर्ग पर स्की करने की, या यूरोप की यात्रा की/ तो आप ब्राोशर और वेबसाईट पर देखकर पहले ही जान सकते हैं, कि ये कैसे होगी/ ऐसे गाईडबुक हमें वहाँ जाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं,

लेकिन स्वर्ग की गाईडबुक तो बाइबल है/ ये कहती है/ कि नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं, जिसकी परमे·ार ने प्रतिज्ञा की है/ लेकिन यदि स्वर्ग, कहिए कि ये नया स्वर्ग है और नई पृथ्वी है/ जो किसी दिन आपका घर होगा/ तो आप स्वर्ग के बारे में क्या जानते हैं? आप क्या करना चाहते हैं, कि अनुभव करे, कि उस जगह को देखे जहाँ आप सारा अनंतकाल बिताएंगे?/

आज के हमारे मेहमान हैं, बेस्ट सेलिंग लेखक हैं, हैवन के डॉक्टर रैन्डी अलकॉन, ये बताएं इस अदभुत जगह के बारे में जिसकी प्रभु ने प्रतिज्ञा की है, जो वि·ाासीयों का भविष्य का घर है/ हमारे साथ जुड़े, इस विशेष भाग में, जॉन एन्करबर्ग शो में/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  हमारे प्रोग्राम में स्वागत है, हम अमेरीका के लीडींग अथॉरीटी से बातें कर रहे हैं, स्वर्ग के बारे में, डॉक्टर रैन्डी अलकॉन, आज हम दिलचस्प चर्चा करनेवाले हैं और वो है, आप सही तरह से उन सवालों का जवाब कैसे दे सकते हैं, जो आपके बच्चे, या आपके नाती पोती, आप से स्वर्ग के बारे में पुछते हैं/ यदि आप इमानदार हैं, तो आप जानेगे कि ये सवाल तो पहले ही उठे हैं, कुछ परिस्थिती में, और रैन्डी बताते हैं, कि ये बेस्ट सेलिंग बच्चों की किताब है स्वर्ग के बारे में, और मैं चाहता हूँ कि आप स्वर्ग के बारे में इन सारे टॉपीक के बारे में बताईए, जो हमारे पास आते हैं, बहुत से अलग अलग मार्गों के द्वारा/

रैन्डी अककॉर्न :   बच्चे बहुत मासूम होते हैं, और यीशु ने कहा कि हमें बच्चों के जैसे होना चाहिए/ बच्चें सवाल पुछते हैं, और वो सच में जवाब चाहते हैं/ और कईबार हम सोचते हैं कि वो जो पुछ रहे हैं उससे ज्यादा दे/ लेकिन मैं सोचता हूँ कि हमेशा ये उम्र से जुड़ता है तो आप सोचिए कि मैं कितना कह सकता हूँ, कि बच्चें को ये बता सके, उनके पास स्वर्ग के बारे में बड़े सवाल होते हैं/ ये इसलिए कि हम जो कहते उस पर वि·ाास करते हैं, हम कहते हैं कि स्वर्ग है, परमे·ार की बात पर वि·ाास करते हैं क्योंकि बाइबल कहती है कि स्वर्ग है/ वो जानना चाहते हैं कि ये कैसे है, वहाँ क्या हो रहा है/ ये उनके लिए कैसा होगा/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  जी, मैं सोचता हूँ कि जब हैट की मृत्यु हुई, हमारे दादादादी नही रहे, कुछ केस में हमारे मातापिता नही रहे, कोई भाई या बहन नही रही/ मेरे कज़न जिनके जुड़वा बच्चें थे, और उन में से एक तो 12 या 13 साल का था/ एक मर गया और दूसरा जीवित है/ मैं उनके फ्युनरल में गया था/ और मैं कह रहा हूँ कि जब ये परिस्थिती आती है, और बच्चें कहते हैं, मातापिता, दादादादी, मुझे स्वर्ग के बारे में बताईए/ तो उन्हें कहाँ से शुरु करना चाहिए? आप स्वर्ग के बारे में कैसे बताएंगे?

रैन्डी अककॉर्न :   सबसे पहले मैं यही कहुंगा/ स्वर्ग में होना तो यीशु के साथ में होना है/ और शायद मैं इस पर और ज्यादा ज़ोर दूंगा/ पिता परमे·ार और पवित्र आत्मा परमे·ार से बढकर/ क्योंकि यीशु तो परमे·ार ने अवतार लिया/ यीशु मनुष्य बन गया/ यीशु तक पहुंचकर उसे स्पर्श कर महसुस कर सकते थे, और उसके पुनरुत्थान के शरीर में उसने कहा, मैं आत्मा नही, आत्मा को माँस और हड्डी नही होते/ जो मेरी है/ उन्होंने जाना कि यीशु उन से प्रेम करता है, उन्होंने जाना कि यीशु उनके लिए क्रुस पर गया/ यदि वो इसे नही जानते हैं, ये सुसमाचार है, हमें उन्हें समझाना होगा/ उन्हें, लेकिन यदि वो इसे जान ले और इस पर वि·ाास करे, तब मैं सोचता हूँ कि हमें बताना है कि स्वर्ग सान्तवना देनेवाली जगह है, क्योंकि ये यीशु के साथ रहना है/ हम उन्हें प्रोत्साहित कर सकते हैं कि वो लोगों के साथ रह सकते हैं, जो यीशु से प्रेम करते हैं, जो उनके पहले गएं हैं/ बहुत से केसेस में वो जानते हैं कि वो लोग कौन हैं, और दूसरी केसेस में ये दादादादी या परदादा हो सकते हैं, जिन्हें वो कभी नही मिले, जो लोग स्वर्ग में मिलेगे, इसमें उत्साह की बात ये है, कि नए लोगों से मिले जो यीशु से प्रेम करते हैं, ऐसी जगह जहाँ लोग एक दूसरे को चोट पहुंचाने के लिए कुछ नही करते हैं/ तो मैं सोचता हूँ कि हमें ये संदेश देना होगा/ कि जो कुछ स्वर्ग में है, वो आनंद, वो खुशी, और वो उत्साह, और जो हंसी उस स्वर्ग में है/ और साथ ही ये सच्चाई है कि वहाँ कोई बुरी चिज़ नही है/ जिसे वो संसार में देखते हैं, वो जानते हैं कि उन्हें खबरे देखने नही देते हैं, जब वो कमरे में आते हैं तो बातचित रुक जाती है/ चैनल बदले जाते हैं, हम बच्चों को ये कैसे बताएं, ये बच्चें बुद्धिमान हैं/ वो जानते हैं कि संसार में बहुतसी बुरी चिज़ें चल रही है/ वो जानते हैं कि उनका अकेले बाहर जाना सुरक्षित नही है/ और ये बहुत बढता जा रहा है, तो मैं सोचता हूँ कि हमारे लिए एक चुनौति है, कि हम अपने बच्चें और नातीपोती की मदत करे कि वो सकारात्मक दृष्टिकोण रखे/ इस संसार में, ऐसा नही कि जो संसार अब है उससे कुछ बातें ले/ लेकिन उस संसार से जो परमे·ार एक दिन बनाएगा/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  यदि बच्चा पुछे कि स्वर्ग कहाँ है दादी माँ, स्वर्ग कहाँ है माँ? तो हम क्या कहेगे?

रैन्डी अककॉर्न :   खैर हमेशा वचनों में ये बताया गया कि वहाँ बाहर, वहाँ ऊपर है, जानते हैं याने हमारे वर्तमान के अस्तित्व में नही है/ ये यहाँ है लेकिन हम इसे नही देख सकते/ और मैंने बताया है मेरे बच्चों को और हमारे नाती पोती को, कि स्वर्ग सच में हमारी सोच से ज्यादा करीब है, शायद ये अलग किया हो, एक पतली दीवार से, हम नही देख सकते कि दूसरी ओर क्या है/ दूसरे राजा में एलियाह और दास, उसके कहा दास की आँखें खोल दे, और वो अपने आस पास देख सका, स्वर्गदूतों की सेना थी/ परमे·ार हमारे साथ है/ तो ये ऐसा नही कि प्रभु कही दूर है और वो यहाँ पर नही है, इसलिए हमें इसमें स्पष्ट रहना है, हम कहते हैं, कि परमे·ार ऊपर स्वर्ग में है, ये कहता है कि परमे·ार यहां नही है/ इनके साथ तो हमें कहना है कि वो स्वर्ग में खास तरह से है/ लेकिन यदि आप यीशु को जानते हैं तो वो केवल आपके पास नही नही, वो सच में आपके अंदर है/ वो सच में व्यक्ति के रुप में आपके अंदर है/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  एक बार एक सुंदर लडकी ने ये सवाल पुछा, हमारे स्टाफ के सदस्य से, जो उनके दादाजी हैं, ठीक है, यदि मैं आप लोगों से पहले मर जाऊँ, और मैं स्वर्ग में जाऊंगी, तो मेरे स्वागत के लिए कौन आएगा?

रैन्डी अककॉर्न :   दूसरा पतरस एक कहता है, कि स्वर्ग में हमारा भारी स्वागत राह देखता है, प्रभु के लोगों का, और मैं सोचता हूँ कि पहले और सबसे जरुरी स्वयं यीशु मसीह, हमारा स्वर्ग में यीशु स्वागत करेगा/ हम इसे देखते हैं जब दास स्वामी की उपस्थिती में प्रवेश करता है/ धन्य है, हे मेरे भले और वि·ाासयोग्य दास, अपने स्वामी के आनंद में प्रवेश कर/ याने ये स्वागत करता है, यदि केवल यीशु होता, वो पूरा संतुष्ट होता, लेकिन साथ ही बहुत बहुत दूसरे लोग होगे, उन में से कुछ को वो जानते हैं, और कुछ को नही जानते, और जानना होगा/ और एक एक करके जैसे साल बितते जाएंगे, फिर दूसरे जिन से वो प्यार करते और वो अभी भी पृथ्वी पर हैं, वो स्वर्ग में आएंगे और वो उनका स्वागत करेगे/ अपने बच्चे को ये बताईए, जैसे कि मानो पार्टी ये पहले आते हैं, ये तो पहले में से एक हैं, हमारे परिवार से, लेकिन दूसरे भी आएगे, शायद हम देरी से आएं, अब क्या आप पार्टी में पहले या अंत में आना चाहते हैं, जानते हैं, बहुत से लोग पहले आना चाहते हैं, याने कोई भी संसार में ऐसे ही मरकर जाना नही चाहता है/ याने जैसे कि कोई जवान है/ लेकिन जब ये होता है तो ये पहले पार्टी में जाते हैं, और एक और बात जो मैंने कही अपने दोस्त जेरी से, बचपन के दोस्त से, जो गुज़र गएं हमारे 20 वे हायस्कूल रीयुनियन के साथ/ मैंने जेरी से कहा ठीक है, वहाँ की कुछ खास जगह पहले देख लेना और मेरे आने के बाद मुझे दिखाना/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  चलिए इसमें जोड़ते हैं, कहीए कि कोई परिचित बिस्तर पर हैं और वो मरने पर है/ उनकी माँ ने दो कमरे का उदाहरण उपयोग किया/ उस उदाहरण के बारे में एक और बार बताईए/ और फिर ये सवाल जोड़े कि यदि वो वहां पहले जाएं, क्या वो दूसरों के बिना अकेले नही होगे, उनके मातापिता और भाई और बहनों के बिना/ उनके परिचित दोस्त, और क्या वो देख सकेगे कि उनके साथ पृथ्वी पर क्या हो रहा है?

रैन्डी अककॉर्न :   खैर इस परिवार ने यही किया उन्होंने छोटी इमली को लेकर उस हॉस्पीटल के कमरे के बगलवाले कमरे में ले गएं, जहाँ उन के बीच एक दरवाज़ा था, और कहा ठीक है, तुम पहले इस कमरे में जाओगी, लेकिन यीशु वहाँ पर होगा/ तुम्हारे साथ/ ठीक है, यदि तुम यीशु के साथ हो तो अकेली नही होगी/ मतलब आप कह सकते हैं, क्या मैं राह देख सकती कि मेरे मातापिता के साथ फिर से मिलूँगी? जरुर/ लेकिन मैं मेरे प्राण के प्रेमी के साथ हूँ, मैं मेरे सृष्टिकर्ता के साथ हूँ, मैं उसके साथ हूँ जो मेरे लिए मेरे मातापिता से बढकर है/ और वो मुझ से प्रेम करता है कि मेरे मातापिता को मुझे भेंट में दिया/ याने जाने कि वहाँ जाने तक अकेले नही, लेकिन फिर एक एक करके वो उस कमरे में आएं, एक आता और दरवाज़ा बंद करता है/ जानते हैं, ये सच्चाई दर्शाते हुए कि एक एक करके, जब तक मसीह का आना हो, जब वो एक साथ जाएंगे/ और वो स्वर्ग में उसके साथ स्वर्ग में जाएंगे/

जब तक कि बात है कि क्या अभी स्वर्ग में कोई है, ये समझने की बात है कि स्वर्ग में क्या हो रहा है/ कुछ बातें दिखाती है कि ये बताता है कि प्रकाशितवाक्य 6 में कुछ शहीद हैं, उन्होंने कहा हे स्वामी, तू कब तक न्याय करेगा? और पृथ्वी के रहनेवालों से हमारे लहू का पलटा कब तक लेगा? उन्होंने ये नही कहा प्रभु क्या तूने अब तक न्याय लाया है/ उन्होंने कहा कि कब तक पलटा लेगा/ मतलब वो जानते हैं कि उसने ये अब तक नही किया, वो इसे कैसे जानते हैं? क्योंकि वो देख सकते हैं कि यहाँ पृथ्वी पर क्या हो रहा है/ कम से कम इस हद तक, साथ ही वो बताता है लूका 15 में, कि ये खोया सिक्का, खोई भेंड़ और उडाव पुत्र, खोया हुआ पुत्र/ हमें इस वचन में दो बात बताया गया है/ कि जब भी कोई पापी पश्चाताप करता है तो स्वर्ग में आनंद होता है, स्वर्गदूतों की उपस्थिती में, ये जिस तरह से लिखा है ये दिलचस्प है/ यीशु के लिए ये कहना आसान होगा/ और जब भी पापी पश्चाताप करता है/ स्वर्ग के स्वर्गदूत आनंद मनाते/ लेकिन ये ऐसा नही कहता है, ये कहता है, कि स्वर्गदूतों की उपस्थिती में आनंद होता है, खैर स्वर्गदूतों की उपस्थिती में कौन रहता है? याने परमे·ार, तो परमे·ार इससे प्रसन्न होता है, क्या स्वर्गदूत आनंद मनाते, कोई संदेह नही मनाते हैं/ लेकिन स्वर्गदूतों की उपस्थिती में और कौन रहता है/ ये परमे·ार के लोग हैं/ ये परिवार के सदस्य हैं जो मर गएं हैं/ परिवार के सदस्य जिन्होंने प्रार्थना की थी कि ये व्यक्ति मसीह में आएं/ याने ये सामर्थी सलाह होगी/ वो संभव तरिके से आनंदित नही हो सकते जब तक कि देखे, इस आत्मिक बदलाव को जो उनके प्रियजन में हुआ है/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  हम ब्रोक लेगे और वापस आने पर देखेगे, बच्चे पुछते हैं, क्या हम भूत होगे, या स्वर्गदूत होगे, हमारे पास कैसा शरीर होगा/ और स्वर्ग उत्साह की जगह क्यों होगी डैडी? ठीक है, रैन्डी इन सवालों के जवाब देगे, तो हमारे साथ बने रहे/

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डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  ठीक है हम लौट आएं हैं, हम डॉक्टर रैन्डी अलकॉन से चर्चा कर रहे हैं, जो हमारे देश में स्वर्ग के बारे में बड़े एक्सपर्ट हैं, और रैन्डी सवालों का जवाब दे रहे थे, जो बच्चें अपने मातापिता और दादादादी से पुछते हैं/ आप हमारी मदत कर रहे हैं कि इन सवालों का जवाब दे, और एक सवाल या दो सवाल आते हैं, कि क्या हम भूत होगे/ दादादादी, क्या हम स्वर्गदूत बनेगे, मम्मी और डैडी/ हम कैसे होगे, हमारे पास कैसा शरीर होगा/

रैन्डी अककॉर्न :   सबसे पहले हम जानते हैं कि हम भूत नही बनेगे/ यहाँ तक कि वर्तमान के स्वर्ग में ये समझने लायक तरिके से बताया है/ लोग बताते हैं, कि कपड़े होगे, और साथ ही संगीत के वाद्य बताएं गएं हैं, हार्प और तुरही, इस तरह की चिज़ें और खजूर के पत्ते भी बताए गएं हैं/ और जीवन का पेड़ है जो अभी परमे·ार के स्वर्गलोक में है/ लेकिन निश्चित ही पुनरुत्थान में, जहाँ हम सदा के लिए रहेगे, उस में, याने इस स्वर्ग में, हम पूरी तरह से शरीर में होगे, पुनरुत्थान के साथ/ बच्चे को ये समझाना बहुत जरुरी है/ बच्चे को इस बात के बारे में प्रोत्साहित करे कि अच्छे शरीर और आत्मा में होगे/ वो इसलिए नही बने हैं, किसी बच्चे का सपना ये नही होता कि बड़े होकर भूत बने/ वो चाहते हैं कि दौड़े और कूदे/ और खाएं और पीएं, और खेले और मस्ती करे/ और अवश्य ही, पुनरुत्थान याने नई पृथ्वी पर, ये इसी के बारे में है/ याने भूत नही होगे, स्वर्गदूत नही होगे, स्वर्गदूत और लोग दो बहुत अलग व्यक्ति हैं/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  स्वर्ग बोरिंग क्यों नही होगा?

रैन्डी अककॉर्न :   स्वर्ग में कुछ काम करने का अंत नही होगा/ बोर होना तो शाप में जीवन जीने से होता है/ मुझे ऐसा महसुस होता है कि कुछ नही करना है, करने के लिए कुछ नही, क्यों, किसके कारण? क्योंकि मेरे अंदर कुछ असंतुष्टि है/ कुछ नाखुशी है/ कुछ इच्छा है कि कुछ करुं, जो मुझे संतुष्ट करेगा/ जहाँ कि स्वर्ग में हम जानते हैं कि हमें कौन परिपुर्ण करेगा/ ये प्रभु है, यीशु मसीह हमारी हर जरुरत पूरी करेगा/ वो ही सारी खुशी को बनानेवाला है/ सारी संतुष्टी और सारी क्रियाओं का/ अर्थपुर्ण क्रियाओं का कोई अंत होगा/ उसके दास उसकी सेवा करेगे, काम करना है, जगह पर घुमना है/ लोगों से मिलना है/ हमेशा प्रसन्न रहना/ डीनर टेबल पर किसी नए व्यक्ति से मिलना, क्या मज़ाक कर रहे हैं? भोज, आनेवाले युगों तक/ और केवल इतना ही नही कि स्वर्ग में जो लोग है उनसे हम मिलेगे/ और बहुत से लोग है जो साथ बैठेगे, दूसरी परंपरा से होगे, उनकी कहानी सुनेगे, ये कितनी अदभुत जगह होगी/ कौन जाने शायद परमे·ार नए प्राणियों को बनाएं, दूसरी जगह, जिसे हम देखेगे और जानेगे और संबंध रखेगे, शायद नए जानवर हो, जो अस्तित्व में नही थे, और ऐसे जानवर जिनके हम करीब नही थे, ये तो स्वर्ग में किसी के मन में नही आई ऐसी बात होगी/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  कुछ फिल्मों में हमने देखा कि किसी का कोई प्रियजन मर जाता है, ठीक है, आप देखते हैं कि मातापिता या बच्चा कब्रा के पास जाता है, और वो उस मर हुए व्यक्ति से बातें करते हैं, ठीक है, और लोग यहाँ तक वि·ाासी जानना चाहते हैं, कि क्या मैं अपने मरे हुए प्रियजन से बातें कर सकता हूँ, यदि मैं यीशु को उन्हें संदेश देने के लिए कहूँ, तो क्या वो करेगा/

रैन्डी अककॉर्न :   मैं सोचता हूँ कि इसे रखने का एक महान तरिका है/ मैंने ये मेरी बेटी से कहा/ जब उसकी दादी गुज़र गई/ तुम आज़ादी से कोई भी संदेश भेज सकती हो, दादी को यीशु के द्वारा/ हम बच्चों को उत्साहित नही करते कि वो प्रार्थना करे या बातें करे, चले गएं प्रियजनों से/ लेकिन आप हमेशा यीशु से बातें कर सकते हैं, वो परमे·ार और मनुष्यों के बीच एक मध्यस्थ है/ मनुष्य यीशु मसीह/ और हर तरह से वो ये कर सकती है, और जब वो ऐसा कहे याने क्या तुम मेरी ओर से मेरी दादी को गले लगाओगे? मुझे इसमें संदेह नही कि यीशु जवाब नही देगा/ वो इस प्रार्थना का जवाब क्यों नही देगा/ लेकिन कब्रा की ओर एक बात जो बच्चों को याद दिलाना है, और ये बहुत महत्वपुर्ण है/ आपके प्रियजन वहाँ नही हैं/ वो शरीर जो उनके व्यक्तित्व का भाग हुआ करती थी, और एक दिन जो उनके साथ पुनरुत्थान में फिर से जूड़ जाएगी, वो वहाँ है/ लेकिन जीवित व्यक्ति, जिसे आप चुके और उनसे प्यार करते हैं, जो मर गएं, वो उस क्रब में नही हैं, वो तो यीशु के साथ हैं, सुरक्षित हैं, उसके हाथों में/ हमें इस पर ज़ोर देना होगा/ कि ये बना कुछ कहे नही जाता/ क्योंकि जब लोग आकर कब्रा के पत्थर से बातें करते, कब्रा से कहते और कब्रा पर छोटी भेंट रखते, जिसे आप कुछ परंपरा में देखते हैं, ये तो सच में अच्छा नही होगा कि ऐसे काम करे कि वो व्यक्ति वहाँ उस जगह उपस्थित है/ क्योंकि वो नही हैं/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  रैन्डी बच्चें पुछते हैं कि नए स्वर्ग और नई पृथ्वी में कुछ महान चिज़ें होगी/ जैसे कि डीज़नी लैन्ड/ या पहाड़ों पर जाना, या बीच पर जाने जैसे/ या सिक्स फ्लैग्स में जाना/ क्या खेलकुद और उत्साह की जगह होगी, जहा आनंद ले सके/

रैन्डी अककॉर्न :   बिलकुल हम निश्चित जानते हैं, परमे·ार आलौकिक रचनात्मकता का प्रभु है/ इस वर्तमान के संसार की सुंदरता तो सच में गिरनेवाली है/ ये एक समय जो थी उससे/ और मैं सोचता हूँ कि सबसे उत्तम में, ये दिखाता है कि एक दिन ये क्या होगी/ उत्साहित होने के लिए बहुतसी बातें हैं, आनंद उठाने के लिए बहुत है/ जैसे पानी के स्लाईड्स के बारे में कहते हैं, कहिए कि आप शरीर में नही, तो शारीरिक खतरे में नही है, और आप जा सकते हैं, बड़े भयानक वॉटर फॉल से/ कौन जाने कि हम क्या कर सकते हैं/ लेकिन मैं सोचता हूँ कि परमे·ार की नई सृष्टि में उत्तम चिज़ें हैं, वो तो एम्युज़मेन्ट पार्क की राईड से बेहतर होगी/ एम्युज़मेन्ट पार्क क्यों होगा, क्योंकि हम लोग परमे·ार के स्वरुप में बनाए गएं हैं/ लोग चिज़ें बनाएंगे और उसे आकार देगे/ अपने हाथों से, याने मैं इससे चकित नही होऊगा कि इन चिज़ों का नई पृथ्वी पर अनुभव करुँ/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  क्या हम यीशु के जैसे उड़ेगे?

रैन्डी अककॉर्न :   खैर इसे हम निश्चित नही जानते हैं, अवश्य ही परमे·ार हम में ये कर सकता है/ या हम कुछ आविष्कार कर सकते हैं/ अपने खुदके छोटे फ्लायिंग मशीन्स बना सकते हैं/ या और किसी ने बनाई मशीन ले सकते/ मैं हैन्ड ग्लायडींग करता था, एक बार क्रैश होने तक/ मैं तो कहूंगा कि हाँ बहुत मज़ा था/ हैन्ड ग्लायडींग याने पहाड की चोटी पर जाना/ पहाड़ पर या झील के ऊपर से उड़ना/ वॉटर फॉल के ऊपर/ मतलब बहुत कुछ हो सकता है/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  क्या हम संसार को देख पाएंगे और आकाश के सारे तारों को देखेगे यदि परमे·ार इस नए आकाश और नई पृथ्वी को बनाता है/

रैन्डी अककॉर्न :   परमे·ार कहता है कि आकाश परमे·ार की महिमा बताता है/ और परमे·ार ने अपनी सृष्टि को इस तरह से बनाया है/ कि उसके स्वभाव को प्रगट करे/ हमें रोमियों 1 में बताया गया है/ याने मैं सोचता हूँ, कि प्रभु जो भी रचना करता है, नई सृष्टि में, वो चाहता होगा कि हम देखे, विज्ञान की आत्मा तो परमे·ार की ओर से आई आत्मा है/ ऐतिहासिक रुप में महान वैज्ञानिक, बड़े वैज्ञानिक/ सब लोग परमे·ार को खोजते और उसे और खोजकर उसके बारे में जानना चाहते/ वो सब उसकी सृष्टि में प्रगट किए गएं हैं/ तो मैं सोचता हूँ कि हम सब स्वाभाविक होगे, हम सब इसे देखेगे, मैं सोचता हूँ कि हम में ये जिज्ञासा होगी, जानते है, साईस फ्रिक्शन, ये विचार कहाँ से आया है, ये लोगों के लिए प्रभावी क्यों दिखता है/ क्या शैतान ने हम में कुछ डाला है कि हम यात्रा करने की इच्छा रखे, कि तारों और ग्रह को देखते जाएं, और दूसरे गैलेक्सी को भी/ मैं सोचता हूँ कि ये इच्छा तो सच में प्रभु से आती है/ उसने हमें जिज्ञासा से भरा है, उसने हमें बनाया कि हम जिज्ञासा से भरे और जानने की इच्छा रखे, और उसके बारे में और सिखे, मैं सोचता हूँ, आनेवाले युगों में हम इसे करेगे/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  यदि बच्चा कहे, मम्मी डैडी, दादादादी, क्या मुझे मेरे जीवन में यीशु को न्योता देना चाहिए? मैं इसे कैसे करुंगा/ आप क्या कहेगे/

रैन्डी अककॉर्न :   जी अवश्य ही हमें हमारे बच्चों और नातीपोती की मदत करनी चाहिए, कि समझ सके, तुम्हें यीशु चाहिए, संसार में किसी भी चिज़ या व्यक्ति से बढकर, यदि आप सोचे कि तुम अपने मातापिता के बिना नही रह सकते, अपने भाई और बहन और दोस्तों के बिना, और अवश्य ही वो नही रहना चाहते, यीशु वो व्यक्ति है जो अपका भूतकाल जानता है, वो आप से ज्यादा प्यार करता है, हाँ हम सबसे बढकर/ हम पूरे दिल से प्यार करते लेकिन हम सीमित हैं, वो नही है/ वो आप से प्यार करता है/ और क्रूस पर उसने आपके लिए दाम चुकाया/ आपको उसे जानना होगा, और इसी तरह से उसे जानते हैं, और मैं सोचता हूँ कि जैसे ही बच्चा ये समझता है, कि उन्होंने कुछ गलत किया है/ वो पाप है, और उन्हें समस्या होती, और वो पाप उन्हें परमे·ार से अलग करता है/ और वहाँ ये कहने का मौका होता है/ तुम्हें अपने पापों का अंगिकार करना है, और यीशु ने तुम्हें माफी मांगनी है/ और एक बार उसके साथ संबंध में आने के बाद/ जब तुम दूसरे पाप करते हो, तो फिर से अंगिकार करे, और उसकी माफी मांगे, लेकिन आपको तब करना है जब आप यीशु के साथ संबंध में आते हैं/ बिलकुल पहली बार/ और एक बार ऐसा करने के बाद/ आपको इसे बार बार दोहराने की जरुरत नही है, लेकिन कईबार जब वो इसे करने की इच्छा रखते हैं, तो ये ठीक है, ये निश्चित करने के लिए कि सच में उद्धार पाएं हैं, लेकिन हमें ये कहना होगा कि जो तुम्हारे लिए सत्य है, वो हम सबके लिए सत्य है/ हमें सबसे ज्यादा यीशु की जरुरत है/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  कैसे कोई, कहिए कि उन्होंने ये प्रार्थना की है/ और वो कहते मम्मी क्या मैं सच में सौ प्रतिशत स्वर्ग में जाऊंगा/ मैं इसे कैसे निश्चित जान सकता हूँ/

रैन्डी अककॉर्न :   मै सोचता हूँ यहाँ हम कह सकते हैं, प्रभु ने प्रतिज्ञा की है/ पहला यूहन्ना 5 में ये सारी चिज़ें लिखी हैं, कि तुम जानो कि तुम्हारे पास अनंतजीवन है/ ये उसके पुत्र पर वि·ाास करने के द्वारा है/ ये परमे·ार की प्रतिज्ञा है, इसे बैंक में ले जाएं, आप इस पर भरोसा रख सकते हैं, ये लहू से खरिदी प्रतिज्ञा है, देखिए कईबार आशा शब्द का उपयोग होता है, वचन में, लेकिन ये ऐसा नही, हम सोचते हैं, कि आशा, तो कामना के जैसे ही है/ जहाँ पर वचन में, ये आशा स्वयं परमे·ार के लहू से खरीदी गई है/ ये निश्चित है/

डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग:  अगले हफ्ते दोस्तों, हम इस सीरीज का अंत करेगे, इस पर चर्चा करते हुए कि आप क्या कह सकते हैं, अपने मम्मी और डैडी से/ अपने दादादादी और दोस्तों को और जिन लोगों के साथ आप संपर्क में आते हैं, जो अनुमान लगाते कि वो स्वर्ग में जाएंगे/ और उन्होंने अपने जीवन में कभी यीशु को मौका नही दिया/ वो बस अनुमान लगाते हैं कि वो जाएंगे, आप उन्हें क्या बताएंगे/ ये सबसे खतरनाक परिस्थिती है/ जिसमें कोई हो सकता है/ और यीशु बिलकुल इस परिस्थिती से कहता है/ मैं चाहता हूँ कि रैन्डी इसे अगले हफ्ते धीरे से बताएं, आशा करता हूँ कि आप जुड़ जाएगे/

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