स्वर्ग के बारे में इतना रोमांचित क्या है? क्या स्वर्ग रोमांचित होगा? प्रोग्राम 2
ॠख्र्12-1-2
स्वर्ग के बारे में इतना रोमांचित क्या है? क्या स्वर्ग रोमांचित होगा? प्रोग्राम 2
आज द जॉन एन्करबर्ग शो में, स्वर्ग के बारे में रोमांचित बात क्या है? यदि आपने कभी डिज़नी लैन्ड की ट्रीप की योजना नही बनाई है/ आईसबर्ग पर स्की करने की, या यूरोप की यात्रा की/ तो आप ब्राोशर और वेबसाईट पर देखकर पहले ही जान सकते हैं, कि ये कैसे होगी/
ऐसे गाईडबुक हमें वहाँ जाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, लेकिन स्वर्ग की गाईडबुक तो बाइबल है/ ये कहती है/ कि नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं, जिसकी परमे·ार ने प्रतिज्ञा की है/
लेकिन यदि स्वर्ग, कहिए कि ये नया स्वर्ग है और नई पृथ्वी है/ जो किसी दिन आपका घर होगा/ तो आप स्वर्ग के बारे में क्या जानते हैं? आप क्या करना चाहते हैं, कि अनुभव करे, कि उस जगह को देखे जहाँ आप सारा अनंतकाल बिताएंगे?/
आज के हमारे मेहमान हैं, बेस्ट सेलिंग लेखक हैं, हैवन के डॉक्टर रैन्डी अलकॉन, ये बताएं इस अदभुत जगह के बारे में जिसकी प्रभु ने प्रतिज्ञा की है, जो वि·ाासीयों का भविष्य का घर है/ हमारे साथ जुड़े, इस विशेष भाग में, द जॉन एन्करबर्ग शो में/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: हमारे प्रोग्राम में स्वागत है, हम चर्चा कर रहे हैं, डॉक्टर रैन्डी अलकॉर्न से, स्वर्ग के बारे में चर्चा कर रहे हैं, स्वर्ग में जीवन कैसे होगा? हम हम स्वर्ग में पहुंचेगे तो हम कितने साल के होगे? क्या हमारे पास अपना बंगला होगा और स्वर्ग में हम कहाँ पर रहेगे? क्या हम स्वर्ग में यात्रा करेगे? हम स्वर्ग में क्या पहनेगे? इस तरह के सवाल हम पुछेगे और रैन्डी परमे·ार के वचन से जवाब देगे, और रैन्डी मैं शुरु करना चाहता हूँ उस सवाल से जो हमने पिछले हफ्ते देखा था, और वो है कि बहुत से वि·ाासी स्वर्ग के बारे में उत्साहित नही हैं/ वो क्या सोचते हैं कि स्वर्ग कैसा होगा, यदि उत्साहित नही हैं तो?
रैन्डी अककॉर्न : जी, अकसर वो सोचते हैं कि ये एक लंबी बड़ी बोरिंग चर्च सभा होगी/ चर्च की सब सभा बोरिंग नही होती है/ लेकिन जानते हैं कुछ लाखों साल ऐसा करने पर शायद ऐसे लगे/ और लोग यही सोचते हैं, जी, सच में एक फार साईड कार्टुन था, जहाँ परमे·ार को बादल पर बैठे दिखाया, और उसके सिर पर चान्द था, और स्वर्गदूत के पंख दिखाएं, और वो स्वर्ग में जाकर बादल पर बैठता है और कुछ नही करता/ और कैपशन कहता है, काश मैंने मैगजीन लाया होता/ और बहुत से लोग इसी तरह सोचते हैं, कुछ काम नही है/ कोई बातचित नही होगी/ जाने के लिए कोई जगह नही/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: जी, अब, चलिए इस पर चर्चा करे कि परमे·ार ने क्या कहा, चलिए मैं पढता हूँ, इसे स्क्रीन पर रखते हैं कि आप समझ सके कि हम किस बारे में चर्चा कर रहे हैं/
प्रकाशितवाक्य 21:2, परमे·ार हमें एक झलक देता है/ स्वर्ग की और वो कहता है/ प्रेरित पौलुस लिखता है, फिर मैंने नए आकाश और नई पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहला आकाश और पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा/ फिर मैंने पवित्र नगर नये यरुशलेम को स्वर्ग पर से परमे·ार के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हन के समान थी, जो अपने पति के लिए सिंगार किए हो/ फिर मैंने सिंहासन में से किसी को ऊँचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमे·ार का डेरा मनुष्यों के बीच में है, वह उनके साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होगे, और परमे·ार आप उन के साथ रहेगा और उनका परमे·ार होगा/ और वह उनकी आँखों से सब आँसू पोछ डालेग़ा, और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी, पहली बातें जाती रही/
हमने पिछले हफ्ते इस पर चर्चा की, कि ये क्या है/ और, हमारे पास वर्तमान का स्वर्ग है और हमारे पास है भविष्य का स्वर्ग/ और ये हमें भविष्य के स्वर्ग की झलक देता है/
लेकिन साथ ही ये हमें वर्तमान के स्वर्ग की झलक देता है/ इसका फर्क दिखाईए क्योंकि लोग कहते हैं, हे सुनो, क्या स्वर्ग बदल जाएगा, कम ऑन?
प्रैन्डी अककॉर्न : रमे र नही बदलता है/ वो आज, कल और युगानयुग एकसा है/ लेकिन स्वर्ग तो एक खास जगह है/ परमे·ार हर जगह उपस्थित है/ इसका मतलब वो हर जगह है/ लेकिन उसके पास एक खास निवासस्थान है, लेकिन उसके पास एक विशेष जगह है, वो स्वर्ग है/ जहाँ उसका सिंहासन है/ और हमें बताया गया है कि परमे·ार उस खास निवासस्थान में जाएगा, उस स्वर्ग से जहाँ अब स्वर्ग है/ जो हमारे देखने से बाहर है/ इस नए आकाश और नई पृथ्वी में, जहाँ ये सच में इसे पृथ्वी पर नीचे लाता है/ इफिसियों 1, बताता है कि कैसे आकाश और पृथ्वी किस तरह एक साथ जूड़ जाएगी, मसीह में/ और याद रखे मसीह का नाम इम्मानुएल है, इसका अर्थ है परमे·ार हमारे साथ, इसका मतलब परमे·ार हमारे साथ होगा, अनंतकाल के लिए, याने जब हम परमे·ार का सिंहासन देखते हैं/ नए यरुशलेम में, तो हम यीशु को सिंहासन पर बैठा देखे, ये कहता है कि साथ ही पिता सिंहासन पर बैठा है/ याने परमे·ार ने अपना निवासस्थान बदल दिया है/ ये तो मानो नया यरुशलेम राजधानी हो गया है/ इस नई पृथ्वी का जो अब बड़ा ग्रह हो चुका है/ नए ब्राम्हाण्ड का, जो फिर बनाया नया ब्राम्हाण्ड होगा/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: ठीक है हम शुरु से देखते हैं, जिस पल हम मरते हैं तब क्या होता है?
रैन्डी अककॉर्न : यदि हमएन यीशु मसीह में वि·ाास किया है तो हम परमे·ार की उपस्थिती में जाते हैं/ हम धनी व्यक्ति और लाज़र के बारे में देखते हैं, यहाँ धनी परमे·ार को नही जानता था/ वो भी मरने के बाद तुरन्त कही गया/ वो अलग जगह थी/ जिसे हम वर्तमान का नरक कह सकते हैं, हम जिसे वर्तमान का नरक कहते हैं, वो आग की झील में फेंका जाएगा/ इसी तरह से जिसे हम वर्तमान का स्वर्ग कहते हैं/ जहाँ पर लाज़र गया था/ जब वो मरा/ हम अपने आप इस नई पृथ्वी पर लाए जाएगे/ याने हमारे मरने के बाद हम परमे·ार की उपस्थिती में होगे/ पौलुस कहता है कि ये अच्छा है, देह में न रहना याने परमे·ार के साथ रहना है/ वहाँ तुरन्त होनेवाली सचेतता है/ मैं एक परिवार को जानता हूँ जिनकी बेटी किसी बीमारी के कारण मरने पर थी/ उसका नाम ईमली था/ और उसे ये समझने में मदत करने के लिए, उन्होंने कहा ईमली हम यही करेगे/ हम तुम्हारी इस विहील चेअर को हम इस रुम में ले जाएगे/ जहाँ तुम रहोगी/ और हम यहाँ दरवाज़े के दूसरी ओर होगे/ और फिर एक एक करके वो कमरे में आएं/ उन्होंने कहा कि तुम हमारे परिवार में पहली व्यक्ति हो, जो परमे·ार की उपस्थिति में जाओगी/ लेकिन फिर एक के बाद एक हम तुम्हारे पीछे आएगे/ और अवश्य ही ये उदाहरण सिद्ध करने के लिए, तुम्हारे साथ वहाँ उस कमरे में यीशु होगा/ जानते हैं, याने वो उस कमरे में कभी अकेली नही थी/ वो यीशु के साथ होगी लेकिन बाकि का परिवार भी उसके साथ होगा, और ये सुंदर उदाहरण था/ क्योंकि ये याद दिलाता है कि मृत्यु तो कुछ समय के लिए अलग करती है/ लेकिन उसके बाद परमे·ार से प्रेम करनेवालो को फिर से मिलाया जाता है/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: अब नई देह के बारे में बताईए/ जो परमे·ार हमें देनेवाला है/ ठीक है, पौलुस ये कहता है, पहला कुरिन्थियों 15 में, जो शरीर बोया गया वो नाशमान है, जो मरता है वो नाशमान है, लेकिन वो अविनाशी रुप में जी उठता है, वह अनादर के साथ बोया जाता है, क्या किसी को मरते हुए देखा है? ये अच्छा दृष्य नही है/ लेकिन वो तेज के साथ जी उठता है, ये निर्बलता में बोया जाता है, हम ये जानते हैं कि जैसे उम्र बढती है तो हम कमज़ोर होते हैं, मृत्यु के समय तो मुश्किल से कुछ कर सकते हैं, ·ाास भी मुश्किल होती है/ और ये सामर्थ से जी उठाता है, हमारी स्वाभाविक देह बोई जाती है, और आत्मिक देह जी उठती है, जब कि स्वाभाविक देह है तो आत्मिक देह भी है/ और वो यीशु की जी उठे देह को हमारे आदर्श के रुप में उपयोग करता है/ बताईए कि ये नई देह कैसी होगी?
रैन्डी अककॉर्न : जी हम यीशु की देह देख सकते हैं, क्योंकि उसे मुर्दों मे से जी उठने में पहला फल कहते हैं, हमें बताया गया कि हम उसके समान होगे/ वो जैसे है उसे देखेगे, और इसका ये अर्थ है कि हम यीशु के जी उठे शरीर को देख सकते हैं/ और उससे हमारे जी उठे शरीर के बारे में जान सकते हैं/ उसने ये बात कही है/ अपने चेलों से/ मुझे छूकर देखो, उसकी शारीरिक देह थी, मैं भूत नही हूँ, क्योंकि भूत को हड्ड़ी और मांस नही होता जैसे मुझ में देखते हो/ हम इससे क्या सिखते हैं, जी, पुनरुत्थित देह में मांस और हड्डी है/ अब ये ऐसी देह नही होगी जो अधिन हो, पाप की और मृत्यु की, और दु:खों की, या वो सब जो शाप से आया, प्रकाशितवाक्य 22 में, हमें बताया गया कि कोई शाप नही रहेगा/ याने यीशु मृत्यु को हराता है, वो शाप को हराता है, और शाप को फेरता है, और हमारी पुनरुत्थान की देह में, हम जीवन का ऐसे अनुभव करेगे जैसे उसे कभी नही जाना, क्योंकि हम कल्पना कर सकते हैं कि पुनरुत्थान का जीवन कैसे होगा/ हमारे सबसे उत्तम दिन में, जब हमने अच्छा महसुस किया, और आप अच्छे दिखे, और आप में बहुत शक्ति थी, और आपने सोचा ये मेरे जीवन में बड़ी ऊंचाई है/ और पिछे मुड़कर देखे मैं उससे पार चला गया, और सोचिए कि हमारे पुनरुत्थान में हमारी सारी ऊंचाई हमेशा बनी रहेगी/ हम उसे नीचे नही जाएगे/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: क्या हम में आलौकिक योग्यता होगी, यीशु के जैसे, याने यीशु ऊपर आकाश तक उठता गया/ मतलब ये नई देह कितनी दूर जा सकती है?
रैन्डी अककॉर्न : हम इसके बारे में निश्चित नही हैं/ ये अदभुत है, यीशु जो परमे·ार मनुष्य था जिसने ये किया/ लेकिन हम जानते हैं कि अचानक ये देह सबसे ज्यादा श्रमता में होगी/ और ये अच्छे रुप में होगी, पहले से बेहतर/ याने, कोई बीमारी नही होगी/ हम ये जानते हैं, उदाहरण के लिए कि नए यरुशलेम में सडके होगी, और नगर के फाटक होगे, सामान्य रुप में ये दिखाता है/ सडक जिस पर आप चलते हैं/ और फाटक से प्रवेश करते हैं/ याने सब हर समय उड़ते नही रहेगा/ सडकों पर गाडी हो सकती, या हो सकता है, घोड़ा और गाडी हो/ ये हर तरह की चिज़ हो सकती है/ और अवश्य ही कोई कारण नही कि ये वि·ाास करे कि कोई टेक्नॉलॉजी नही होगी/ अवश्य ही हमारी देह वो सब अनुभव करेगी जब अब अनुभव करती है/ लेकिन शाप के बिना, संसार के पाप के बिना/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: हम स्वर्गदूत नही होगे, सच है ना?
रैन्डी अककॉर्न : नही, बहुत से लोगों में गलत धारणा होती है/ याने मरने पर स्वर्गदूत बन जाते हैं/ मेरे दोस्त, मेरी माँ, मेरे बच्चें, जब मरते हैं, वो अब मेरे रक्षक स्वर्गदूत बनकर मेरी रक्षा करते हैं/ मनुष्य तो मनुष्य हैं जो प्रभु के स्वरुप में बनाएं गएं हैं, और स्वर्गदूत स्वर्गदूत हैं और हम पूरी तरह से अलग है/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: ठीक है, हम ब्रोक लेगे और वापस आएंगे बहुत से लोग पुछना चाहते हैं, जब हम स्वर्ग में पहुंचेगे तो हम कितने साल के होगे/ यदि आप 95 के हैं तो क्या 33 के होगे, या अब 10 के हैं तो वहाँ कितने साल के होगे? या आप ये पुछना चाहते हैं कि यदि आपका बच्चा 4 साल का है/ उसके बारे में क्या? वो कितने साल का दिखेगा? हमारे साथ बने रहे हम लौट आएगे/
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डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: ठिक है, हम लौट आएं हैं और स्वर्ग के बारे में लिडींग अथॉरीटी डॉक्टर रैन्डी अलकॉन से चर्चा कर रहे हैं/ और हम इन से ये सवाल पुछना चाहते हैं/ रैन्डी, जब हम स्वर्ग में पहुंचे तो हम कितने साल के होगे? यदि 5 साल का कोई मरता है, या 92 साल का कोई मरता है/ तो जब वो स्वर्ग में पहुंचे तो कितने साल के होगे?
रैन्डी अककॉर्न : जब हम आदम और हव्वा को देखते हैं, हम देखते हैं, कि ये एक निश्चित उम्र थी, अवश्य ही, उन्हें बनाया गया था/ वो एक उम्र के दिखते थे, वो उम्र कितनी थी? हम निश्चित नही जानते हैं, लेकिन अनुमान लगाते हैं कि वो अपनी उन्नति की ऊँचाईयों पर होगे/ याने शायद किशोर अवस्था के बाद/ लेकिन पुनरुत्थान में, हम कैसे होगे, वैसे तो इस पर बहुत से विचार हैं, मध्यम उम्र के/ पीटर लॉम्बार्ड, सेन्ट थॉमस एक्वेनस, इन विख्यात थियॉलोजीयन ने बहुत विचार कर इसके बारे में बहुत कुछ लिखा, और थॉमस एकवेनस ने कहा कि हम सब 33 साल के होगे, हमारे प्रभु यीशु मसीह की उम्र के, जब हम मरेगे, हाँ ये अच्छा विचार है/ लेकिन इसके लिए खास बुनियाद नही है/ लेकिन निश्चय ही विचार ये है कि हम शायद 20 साल की उम्र में होगे, या हमारी उन्नति की ऊँचाई जो भी हो, अब जहाँ तक बात है कि कोई बुढे होकर मरते हैं, जानते हैं, वो फिर जिलाए नही जाएगे, उस बुढे दिखनेवाली देह में नही/ क्योंकि वो तो शाप में थी/ उम्र में अधोगती हो रही थी, क्योंकि उस समस शाप था/ निश्चित ही ये हुआ है/ छोटे बच्चों की बात देखिए, यदि बच्चा 4 साल की उम्र में मर जाएं, और बहुत से माता-पिता तो बस मानो फास्ट फॉरवर्ड करते और कहते वो अपनी उन्नति की ऊँचाई पर होगे/ और वो बाकी सब लोगों के जैसे दिखेगे, और मैं सोचता हूँ, ये संभव हो सकता है/ नई पृथ्वी पर, पुनरुत्थान में, नई पृथ्वी पर/ या ये हो सकता है कि परमे·ार होने दे, कि वो बच्चा जो 4 साल का था, वो जी उठे 4 की उम्र में ही, और फिर बढते जाएं, अपनी परिपक्वता की जगह पर/ यदि ये सच है, चाहे ये हो वहाँ या नई पृथ्वी पर/ यदि ये सच है/ तो आशा की बुनियाद क्या है/ उन माता पिता के लिए जो महसुस करते हैं, कि उनके बच्चे के जीवन के वो साल लूट लिए गएं हैं/ जहाँ ये बच्चा बढते जाना था/ ये संभव है कि वो अपने बच्चे को बढते देखे नई पृथ्वी पर/ और यदि ये केस है/ तो वो सौभाग्य महसुस करेगे, क्योंकि वो अपने बच्चे को बढते देखेगे, बिना किसी चिन्ता के, कि इस बच्चे के साथ क्या होगा/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: जी, आपने कितने बुढे लोगों को ये कहते सुना है, जिन्होंने कहा, जानते हो, मैं बुढा दिखाई देता हूँ लेकिन बुढा महसुस नही करता हूँ/ याने आपके पास एक झलक होनी चाहिए कि परमे·ार इन बातों में कहाँ जा रहा है/ उन में एक महसुसी करण है कि वो जवान हैं, नौजवान हैं/ शायद उन में ये योग्यता न होगी/ और यदि योग्यता होगी तो/ इच्छा तो पहले ही वहाँ है/ परमे·ार इस में मदत करेगा/ अब इस सच्चाई के बारे में चर्चा करे, कि परमे·ार वो करेगा जिसकी कल्पना नही की और न सोचा होगा/ कि इन शरीर को देखे, इसके बारे में चर्चा किजीए/ आदम और हव्वा के बारे में बताईए, आपके पास एक दिलचस्प अध्याय है/ यदि हम अब आदम और हव्वा को देखे/ और उनकी तुलना मनुष्यों के साथ करते हैं/ मैं सोचता हूँ कि हम सच में चकित हो जाएगे/ इसके बारे में बताईए/
रैन्डी अककॉर्न : मैं सोचता हूँ कि हम नही जानते हैं कि हम कितने घटते जाते हैं/ क्योंकि हमने आदम और हव्वा को देखा, पीरादीस में, परमे·ार की वाटीका में/ तो हम चकित होगे, उनकी सुंदरता से, उनका बल, उनकी श्रमता से, क्योंकि क्या हुआ है/ उत्पत्ति 3 में, पाप इस संसार में आया/ तुरन्त ही शाप हम पर आया/ और जिस दिन उसमें से खाओगे तो निश्चय ही मर जाओगे/ उसने कहा लेकिन वो नही मरे/ मतलब वो लगभग 900 साल तक जीएं/ ठिक है, उसके बाद जीवन कम होता गया/ याने शाप और शाप के परिणाम और प्रभाव/ और ज्यादा और ज्यादा गंभीर हो गएं/ लेकिन मैं सोचता हूँ, कि यदि हम कल्पना करे कि ये कैसा होगा/ मनुष्य जाति अपने आप में सबसे उत्तम रुप में, यही प्रभु की इच्छा थी/ ये पुनरुत्थान का महान चित्र होता/ लेकिन पुनरुत्थान में उससे भी बढकर था/ यही हमें याद रखना चाहिए/ परमे·ार केवल अदन को पहले जैसे ही नही बनाएगा/ और असली देह पहले जैसे ही नही करेगा/ वो उससे बेहतर करेगा/ और यही पर मसीह का प्रायश्चित का काम, क्रूस पर इतना अदभुत था/ क्योंकि ये केवल सरल रुप में हम मनुष्यों के लिए लागू नही होता/ लेकिन पूरी सृष्टि के लिए भी, जो पतन में चली गई/ वो पूरी तरह जीवित कर नई बनाई जाएगी/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: जी, मैं सोचता हूँ, कि मेरा आयक्यु 160 के लगभग था, मैं सोचता हूँ कि प्रभु हमारा आयक्यु 1000 तक बढाएगा/ ठीक है, कि हम और समझ सके/ और हमारी शारीरिक योग्यता के साथ भी यही होगा/ याने सुंघने और देखने और महसुस करने में, जहाँ ये कहता है कि परमे·ार के इतने आयाम होगे, इतने रंग और बहुतसी चिज़ें वहाँ होगी/ जिसे हम अभी नही समझते हैं/ क्योंकि हम में ऐसा करने की योग्यता नही है/ लेकिन परमे·ार इसे हमारे लिए खोलता है/ इन नई देह को, ये अदभुत होगी और हम जो कल्पना करते उससे परे होगी/ लेकिन वो हमें इन चिज़ों की झलक देता है/ अब हमें बताईए कि हम कौनसी जगह पर रहेगे, जब स्वर्ग में जाएगे? हमारे पास कौनसा घर होगा/ हम कहाँ रहेगे? कैसे इस घर में रहेगे/ यीशु ने यूहन्ना 14 में कहा/ मेरे पिता के घर में रहने की बहुत जगह है/ किंग जेम्स कहता है बंगले/ मैं तुम्हारे लिए जगह तैयार करने जाता हूँ, यदि मैं तुम्हारे लिए जगह तैयार करने के लिए जाता हूँ, तो मैं आकर तुम्हें साथ ले जाऊँगा कि मैं जहाँ रहूँ, वहाँ तुम भी रहो/ और लोग जानना चाहते हैं/ ये निवासस्थान क्या है/ हमारे पास कैसा घर होगा? क्या स्वर्ग में भीड़ होगी? इन सवालों का जवाब दीजिए/
रैन्डी अककॉर्न : जी, पहले तो हम जानते हैं कि ये शारीरिक रहने की जगह है/ ये शब्द जो आया है जगह या निवासस्थान, ये है तापास, जिससे मिलता है टोपॉग्रफी/ ये असली जगह है/ और याद रखे हमारे पास पुनरुत्थान की जगह होगी/ और शरीर को जगह चाहिए/ और अवश्य ही स्वर्ग के बारे में सबसे महत्वपुर्ण बात तो ये है, कि हम यीशु के साथ होगे, लेकिन यूहन्ना 14 के कुछ अनुवाद में इस तरह का विचार है, कि एक बड़ी बिल्डींग होगी, और उसमें कमरे होगे/ और फिर दूसरों के पास ये विचार है, कि अलग अलग निवासस्थान होगे इस बड़े इस्टेट में, ये दोनों में से कोई हो सकता है/ यहाँ इन्हें बताया गया कि वो उस धन का उपयोग करे जो परमे·ार का है/ इस जीवन में इस तरह से कि हम इसे दूसरे लोगों में निवेश करे/ और फिर हमें बताया गया है, कि प्रभु राज्य में, कि स्वर्ग में, वो हमारा स्वागत करगे अपने निवासस्थान में, याने ये दर्शाता है कि व्यक्तिगत निवासस्थान होगे/ जहाँ सच में आपको भीतर ले जाया जाएगा, जैसे आप नई पृथ्वी पर यात्रा करते हैं, याने ये महान विचार है कि सबसे अच्छी और महत्वपुर्ण बात ये है कि हम यीशु के साथ हैं/ लेकिन हम एक दूसरे के साथ भी होगे, और साथ ही व्यक्तिगत जगह भी होगी/ जो हमारी खुद की होगी/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: हम किस तरह के कपड़े पहनेगे, हम क्या पहनेगे?
रैन्डी अककॉर्न : खैर, हम केवल ये जानते हैं कि जो शहीद मरकर स्वर्ग में गएं हैं/ और दूसरों के बारे में बताया कि वस्त्र पहने हैं, याने बहुत से लोग कहते हैं कि इसका अर्थ है हम स्वर्ग में वस्त्र पहनेगे/ लेकिन ये वस्त्र तो प्रतिदिन के सामान्य कपड़े थे, उन दिनों में/ याने मैं सोचता हूँ कि एक तरह से हम कह सकते हैं, हम सामान्य कपड़े पहनेगे/ याने मैं पूरी तरह अपेक्षा करता हूँ कि अलग परंपरा के लोग, शायद उसी तरह के वस्त्र पहनेगे जैसे उन्होंने पूरानी पृथ्वी पर पहने थे/ जब कि हम नई पृथ्वी पर चल रहे होगे/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: क्या हम महसुस करेगे, क्या हम आनंद मनाएगे? क्या पारिवारिक इकट्ठा होना होगा/
रैन्डी अककॉर्न : जी, निश्चय ही, हम परमे·ार के स्वरुप में बनाए गएं हैं/ और उसके परिणाम में हमारे पास भावनाएँ हैं/ हमारे पास महसुसीकरण हैं, हम दूसरे लोगों की परवाह करते हैं, हम दूसरे लोगों के साथ होना पसंद करते हैं, हमें आनंद लेना पसंद है/ और जानते हैं, बहुत से लोग वो पार्टी करने का संबंध इस संसार में बुरे काम करने से जोड़ते हैं/ जब कि सच में बाइबल के समय में, पार्टी याने एक साथ आकर उत्सव मनाते/ सारे पर्वों के बारे में सोचिए/ सारे खास मौके के बारे में सोचिए, इरुााएल के इतिहास में, जहाँ वो इकट्ठे होकर खाते और उनका भोजन कई घंटे तक चलता/ और जब आप मेज़ पर देखते, मैंने कहा कि परमे·ार के राज्य में, हम एक मेज़ पर बैठेगे/ और एक साथ खाएगे/ और कहानी बताने के बारे में सोचिए/ जो उसके साथ आती है, उस दिन क्या हुआ इसके बारे में एक दूसरे को बताते हैं, आज मैं यही बात पाता हूँ, जैसे मैं ऊपर तारों को देखता हूँ/ जैसे मैं पहाड़ों पर चलता हूँ/ जैसे आज मैं यीशु के लिए कुछ बनाता हूँ, मैंने यही किया और यही पाया है/ एक दूसरे की कहानी सुनकर, और मैं सोचता हूँ, हम उस समय को सोचगे जो पृथ्वी पर बिताया था/ और इस तरह देख सकेगे कि कैसे परमे·ार काम कर रहा था/ इस समय शायद हम इसे न जाने/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: कोई किस तरह निश्चित जान सकता है कि वो इस स्वर्ग में जाएगे?
रैन्डी अककॉर्न : हमें पहला यूहन्ना 5 में बताया गया है/ कि ये इसलिए लिखा गया है कि तुम जानो कि तुमने अनंतजीवन पाया है/ ये किसे लिखा गया, उन्हें जो वि·ाास करते हैं, परमे·ार के पुत्र के नाम पर/ ये तो यीशु मसीह के साथ के संबंध के द्वारा है, जो उस पर अपना वि·ाास रखने से होता है/ और इस तरह आप परमे·ार की संतान बनते हैं/ घुटने टेके, पश्चाताप करे, अपना जीवन यीशु को दे, उससे माफी मांगे/ क्योंकि हमारी मंज़ील स्वर्ग नही थी, वो तो नरक थी, क्योंकि हम पाप में थे, लेकिन यीशु ने हमारे पाप क्रूस पर अपने ऊपर ले लिए/ ताकि अपना वि·ाास उस पर रखने के द्वारा/ उसके प्रायश्चित का लहू स्वीका करने से, हम परमे·ार के सामने धर्मी बनाए जा सके/ स्वर्ग में जाएं और सारा अनंतकाल उसके साथ रहे/
डॉक्टर जॉन एन्करबर्ग: ठीक है दोस्तों, आप अगले हफ्ते चुकना नही चाहेगे, हम चर्चा करेगे कि क्या स्वर्ग में जानवर होगे/ क्या आप स्वर्ग में अपने पालतू जानवर से मिलेगे? क्या हम स्वर्ग में खाएगे और पीएगे? क्या हम स्वर्ग में सोएगे? हमारे कौनसे संबंध होगे/ क्या स्वर्ग में विवाह होगे? ये और दूसरे भी सवाल अगले हफ्ते देखेगे, आप चुकना नही चाहेगे/
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